उत्तराखंड

डॉ. रावत ने कहा — त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी, जनभागीदारी से ही होगा गांवों का सशक्त निर्माण

नौगांव, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड

“लोकतंत्र के इस महापर्व में निभाई भागीदारी — ‘मेरा गांव, मेरा बूथ’ की भावना के साथ मतदान केंद्र पहुंचे कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत व धर्मपत्नी डॉ. दीपा रावत”

डॉ. रावत ने कहा — त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी, जनभागीदारी से ही होगा गांवों का सशक्त निर्माण

उत्तराखंड में लोकतंत्र का सबसे व्यापक और जीवंत स्वरूप — त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव — अपने पहले चरण में पूरे उत्साह, शांति और पारदर्शिता के साथ संपन्न हो रहा है। इसी क्रम में आज प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री माननीय डॉ. धन सिंह रावत एवं उनकी धर्मपत्नी डॉ. दीपा रावत ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय, नौगांव स्थित अपने निर्धारित मतदान केंद्र पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

अपने गांव, अपने बूथ पर पहुंचकर मतदान करते हुए डॉ. रावत ने “मेरा गांव, मेरा बूथ” की भावना को सच्चे अर्थों में चरितार्थ किया। मतदान के पश्चात मीडिया से बात करते हुए उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से अपील की कि वे भी लोकतंत्र के इस महापर्व में उत्साहपूर्वक भाग लें और अपने गांव तथा क्षेत्र के विकास के लिए सक्षम व योग्य नेतृत्व का चुनाव करें।

> “पंचायत चुनाव न केवल राजनीति की पहली सीढ़ी है, बल्कि यह ग्रामीण विकास, सुशासन और लोक सहभागिता की आधारशिला भी है। एक-एक वोट हमारे गांव, हमारे भविष्य और उत्तराखंड की दिशा तय करता है,” — डॉ. रावत ने कहा।

डॉ. रावत ने राज्य में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग और प्रशासनिक तंत्र की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड की जागरूक जनता ही लोकतंत्र की असली ताकत है।

उन्होंने यह भी कहा कि त्रिस्तरीय पंचायतें ही वह संरचना हैं जो गांवों को आत्मनिर्भर और विकासोन्मुख बनाती हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि हर नागरिक अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी को निभाए और पूरी निष्ठा के साथ मतदान करें।

> “पंचायती व्यवस्था हमारे संविधान की आत्मा है। यह चुनाव केवल प्रतिनिधि चुनने का अवसर नहीं, बल्कि अपने गांव के भविष्य को आकार देने का माध्यम है,” — उन्होंने कहा।

इस अवसर पर उपस्थित ग्रामीणजनों में भी उत्साह का माहौल देखने को मिला और स्थानीय मतदाताओं ने कैबिनेट मंत्री के साथ फोटो खिंचवाकर इस लोकतांत्रिक उत्सव को यादगार बना दिया।

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