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सोशल मीडिया बनेगा वीज़ा का नया पैमाना: अमेरिका के नियमों से भारतीय पेशेवरों में बढ़ी चिंता

अमेरिका ने वीज़ा प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण और कड़ा बदलाव करते हुए यह अनिवार्य कर दिया है कि H-1B और H-4 वीज़ा से जुड़े सभी आवेदक अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पब्लिक रखें। इसका मतलब यह है कि अब अमेरिकी वीज़ा अधिकारी आपके फेसबुक, इंस्टाग्राम, X और लिंक्डइन प्रोफाइल पर मौजूद हर जानकारी, फोटो, कमेंट और यहां तक कि आपके रिज्यूमे का भी बारीकी से मूल्यांकन कर सकेंगे।

यह बदलाव भारतीय समुदाय को सबसे अधिक प्रभावित कर रहा है क्योंकि 70% से ज्यादा H-1B वीज़ा धारक भारतीय हैं, जबकि H-4 EAD वीज़ा कैटेगरी में यह संख्या 90% तक पहुंच जाती है। ऐसे में यह नियम भारत से अमेरिका जाने वाले लाखों पेशेवरों के करियर पथ और पारिवारिक योजनाओं पर गहरा असर डाल सकता है।

यह नया नियम 15 दिसंबर से लागू हो रहा है। अब चाहे आवेदन नया हो या रिन्यूअल, सोशल मीडिया की सभी प्रोफाइल पब्लिक रखना अनिवार्य होगा। इमिग्रेशन विशेषज्ञों का कहना है कि इस नियम ने लोगों में डर का माहौल बना दिया है क्योंकि किसी भी पुरानी पोस्ट, हल्की-फुल्की टिप्पणी या मजाक में की गई किसी राजनीतिक प्रतिक्रिया को भी नकारात्मक रूप से देखा जा सकता है और वीज़ा अस्वीकृत होने का खतरा बढ़ सकता है।

बदलते हालात को देखते हुए अमेरिका और भारत में कई टेक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को सोशल मीडिया क्लीनअप और प्रोफाइल ऑडिट की सलाह जारी कर दी है, ताकि अनजाने में भी कोई गलती वीज़ा आवेदन में परेशानी न बन जाए।

तमाम दावों के बीच Times of India की रिपोर्ट बेहद चिंताजनक है। खबर के मुताबिक भारत में स्थित अमेरिकी दूतावासों—विशेषकर हैदराबाद और चेन्नई में—वीज़ा इंटरव्यू की तारीखें अचानक रद्द की जा रही हैं। जिन आवेदकों के इंटरव्यू की तारीखें दिसंबर में थीं, उन्हें अब मार्च 2026 की नई तारीखें दी गई हैं।

अमेरिकी इमिग्रेशन वकील स्टीवन ब्राउन ने भी इसकी पुष्टि की है कि ‘मिशन इंडिया’ ने सोशल मीडिया जांच प्रक्रिया के कारण कई अपॉइंटमेंट्स को आगे बढ़ाया है।

इस बीच, भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने X पर पोस्ट कर चेतावनी दी है कि जिनकी इंटरव्यू तिथि बदल दी गई है, वे पुरानी तारीख पर दूतावास न पहुंचें। ऐसा करने वालों को गेट पर ही वापस भेज दिया जाएगा।

अमेरिकी विदेश विभाग ने इस नियम को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी बताया है। विभाग ने कहा है कि वीज़ा किसी का अधिकार नहीं बल्कि एक विशेषाधिकार है, और देश की सुरक्षा को देखते हुए आवेदकों की सोशल मीडिया जांच करना अनिवार्य हो गया है।

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