नेपाल में जलवायु आपदा: 51 की मौत, सैकड़ों फंसे; मॉनसून की तीव्रता ने तोड़ी तबाही की सीमाएँ

नेपाल इस समय एक गंभीर प्राकृतिक संकट का सामना कर रहा है।
मॉनसून सीज़न की तीव्र बारिश ने पूर्वी और मध्य नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन का कहर बरपा दिया है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 70 लोग लापता हैं।
नेपाल की आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDRRMA) ने बताया कि इलम, धनकुटा और झापा जिलों में भूस्खलन की 120 से अधिक घटनाएँ दर्ज की गई हैं।
कई प्रमुख राजमार्ग बंद हो चुके हैं, जिनमें मेची हाईवे और कोसी कॉरिडोर शामिल हैं।
सरकार ने सेना को राहत कार्यों में लगाया है। हेलीकॉप्टरों के ज़रिए फंसे यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय और भारत ने भी मदद का आश्वासन दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह तबाही जलवायु परिवर्तन और अनियंत्रित वनों की कटाई का परिणाम है, जिसने भूस्खलन के खतरे को बढ़ा दिया है।
नेपाल में इस साल मॉनसून औसत से 30% अधिक तीव्र रहा है।