उत्तराखंड

विकास की आड़ में जंगलों की बलि नहीं: ऋषिकेश-भानियावाला फोर-लेन पर हाई कोर्ट की सख्ती

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक अहम हस्तक्षेप करते हुए ऋषिकेश-भानियावाला फोर-लेन सड़क परियोजना के तहत प्रस्तावित लगभग 4,400 पेड़ों के कटान पर कड़ा रुख दिखाया है। अदालत ने माना कि यह परियोजना उस क्षेत्र से गुजर रही है, जो हाथियों के प्राकृतिक कॉरिडोर के रूप में जाना जाता है।

कोर्ट ने कहा कि जंगल और वन्यजीव केवल पर्यावरण की धरोहर नहीं, बल्कि मानव जीवन के संतुलन के लिए भी आवश्यक हैं। यदि बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों के सड़क निर्माण किया गया, तो इससे हाथियों की आवाजाही बाधित होगी और मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ सकता है।

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और NHAI को निर्देश दिए हैं कि वे हाथियों के सुरक्षित आवागमन के लिए वन्यजीव अंडरपास, एलिवेटेड सेक्शन और अन्य संरचनात्मक उपायों को लेकर स्पष्ट प्रस्ताव पेश करें। अदालत ने यह भी पूछा कि पेड़ों के प्रत्यारोपण और पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की योजना क्या है।

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