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हिंसा नहीं, संवाद चाहिए: नेपाल में जनआंदोलन ने छीन ली एक और ज़िंदगी

नेपाल इस समय अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। युवा वर्ग ने सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ आवाज़ उठाई और आंदोलन का रूप इतना तेज़ हो गया कि अब यह पूरे देश में अस्थिरता फैला चुका है।

 

इस आंदोलन ने सोमवार को एक दर्दनाक मोड़ लिया, जब काठमांडू के डल्लु इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री झलानाथ खनाल के घर पर हमला कर दिया। आगजनी में उनकी पत्नी राज्यलक्ष्मी चित्रकार बुरी तरह झुलस गईं और उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।

 

यह घटना इस बात की चेतावनी है कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकती। एक निर्दोष की जान चली गई और पूरा देश शोक में डूब गया।

 

नेपाल के राष्ट्रपति ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि केवल संवाद और शांति से ही इस संकट का हल निकल सकता है। वहीं, प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने इस्तीफ़ा देकर नैतिक जिम्मेदारी ली।

 

दुनिया भर से नेपाल में शांति की अपील हो रही है और भारत ने भी अपने नागरिकों से सतर्क रहने की सलाह दी है। अब यह देखना होगा कि नेपाल इस संकट से कैसे उबरता है।

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