बर्फबारी के बीच भक्तों के लिए खुले रहेंगे श्रद्धा के द्वार, शीतकालीन यात्रा से बढ़ेगा उत्तराखंड का आकर्षण

जैसे ही अक्टूबर के अंत में चारधाम यात्रा का मौसम खत्म होगा, उत्तराखंड के तीर्थस्थल एक नई धार्मिक यात्रा – “शीतकालीन यात्रा” – के लिए सजने लगेंगे। पर्यटन विभाग और मंदिर समितियाँ पहले से ही इस यात्रा को लेकर व्यापक तैयारी में हैं।
केदारनाथ के बाबा केदार की मूर्ति ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी, जबकि बद्रीनाथ भगवान की पूजा ज्योतिर्मठ के नृसिंह मंदिर और पांडुकेश्वर स्थित योगबदरी में संपन्न होगी। इसी तरह गंगोत्री और यमुनोत्री की मूर्तियाँ क्रमशः मुखबा और खरसाली में पूजी जाएँगी।
राज्य सरकार ने इन प्रवास स्थलों पर सड़क, बिजली और ठहरने की सुविधाओं को बेहतर बनाने का आदेश जारी किया है। शीतकाल में बर्फबारी के बीच देवदर्शन का यह अनुभव हर साल हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
पिछले साल के मुकाबले इस बार पर्यटकों की संख्या में 30% बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड सिर्फ “चारधाम यात्रा” तक सीमित न रहे, बल्कि “बारहमासी पर्यटन” का केंद्र बने।




